Father property 2023: घर का मुखिया क्या बेच सकता है पैतृक संपत्ति या नहीं? कोर्ट ने सुनाया ये फैसला
उसके वारिस मुखिया के फैसले को अदालत में चुनौती नहीं दे सकते। यह केस बेटे ने 1964 में निचली अदालत में अपने पिता के खिलाफ दायर किया था
मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, लेकिन तब तक वादी और प्रतिवादी यानी पिता-पुत्र दोनों ही इस दुनिया में नहीं रहे
54 साल तक विभिन्न अदालतों में मुकदमेबाजी के बाद सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला आया
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि परिवार के मुखिया को परिवार का कर्ज चुकाने या परिवार की अन्य कानूनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पैतृक संपत्ति बेचने का पूरा अधिकार है
इस मामले में लुधियाना में पिता प्रीतम सिंह ने 1962 में अपनी पैतृक संपत्ति की 164 कनाल जमीन 19,500 रुपये में बेच दी थी
जमीन बेचने के पिता के फैसले को बेटे केहर सिंह ने अदालत में चुनौती देते हुए दलील दी थी कि पिता पैतृक संपत्ति नहीं बेच सकते क्योंकि पैतृक संपत्ति में बच्चों की भी हिस्सेदारी है।
इसलिए बच्चों की सहमति के बिना पिता पैतृक जमीन नहीं बेच सकता। निचली अदालत ने बेटे के पक्ष में फैसला सुनाया और जमीन की बिक्री रद्द कर दी।
2006 में हाई कोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा कि कर्ता यानी परिवार का मुखिया परिवार की कानूनी जरूरतों के लिए पैतृक संपत्ति बेच सकता है