SBI SIP Plan:- एसबीआई की इस स्कीम ने बाजार में मचाया हंगामा, 6000 रुपये जमा करने पर मिलेंगे 1 करोड़ 90 लाख रुपये आजकल हर कोई पैसा कमाना चाहता है। अलग-अलग तरीकों से पैसा कमाया जा सकता है।
लोग कम समय में बैंक के जरिए सिर्फ ब्याज पाकर करोड़ों रुपये कमा लेते हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में कई लोग पीछे रह जाते हैं। हम आपको एसबीआई बैंक के एक ऐसे एसआईपी प्लान की जानकारी देने जा रहे हैं जिसकी मदद से आप अच्छा ब्याज पा सकते हैं। एसबीआई का यह एसआईपी प्लान बाजार के अंदर हलचल मचा रहा है।
पैसा बनाना आसान है, लेकिन इसे उगाना भी उतना ही मुश्किल है। हम अक्सर अपने पैसे का निवेश करने के लिए विकल्पों की तलाश करते हैं। सरकारी योजनाओं से इक्विटी मार्केट में पैसा बढ़ाने की कोशिश है। लेकिन, कितना शुद्ध रिटर्न उपलब्ध है? निवेश योजना विफल हो जाती है जब सही निवेश विकल्प ज्ञात नहीं होता है। ऐसे में करोड़पति बनने का सपना अधूरा रह गया।
ऐसे में सिर्फ म्यूचुअल फंड ही सही हैं। यहां पैसा सिर्फ बढ़ता ही नहीं है, तेज गति से बढ़ता है और इतना बढ़ता है कि हमारा सारा हिसाब अधूरा रह जाता है। म्यूचुअल फंड एसआईपी एक ऐसा टूल है, जो लंबे समय में 10 गुना तक पैसा बढ़ा सकता है। निवेश का फायदा यह है कि इसमें कंपाउंडिंग के जरिए अच्छा खासा ब्याज मिल सकता है।
SIP के जरिए होगी मोटी कमाई
सबसे पहले, तय करें कि निवेश कब शुरू करना है। मान लीजिए कि निवेश 20 साल की उम्र में शुरू किया गया था। 25 साल तक उन्होंने लगातार 6000 रुपये महीने का निवेश किया। अगर एवरेज रिटर्न 12 फीसदी रहा तो 45 साल की उम्र में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड बनेगा।
एसआईपी कैलकुलेटर के मुताबिक औसत रिटर्न 12 फीसदी होगा और 25 साल में कुल 1,13,85,811 रुपये मिलेंगे। इसमें आपका कुल निवेश 18 लाख रुपये होगा। वहीं ब्याज से 95 लाख 85 हजार, 811 रुपये की कमाई होगी।
ऐसे करें 2 करोड़ का जुगाड़
अब अगर आप लगातार 30 साल तक निवेश करते हैं तो कुल निवेश 21 लाख 60 हजार रुपये हो जाएगा। लेकिन, 50 साल की उम्र में आपके पास 2 करोड़ 11 लाख 79 हजार 483 करोड़ रुपये की राशि होगी। यहां आपको ब्याज से सिर्फ 1 करोड़ 90 लाख 19 हजार 483 रुपए की कमाई होगी। ध्यान रहे कि अभी की गई गणना में महंगाई दर को समायोजित नहीं किया गया है।
SIP के अंदर करें निवेश बिना जोखिम के
एसआईपी एक व्यवस्थित निवेश योजना है। लॉन्ग टर्म में कई ऐसे फंड्स हैं, जिनका सालाना रिटर्न 12 पर्सेंट रहा है। इसमें निवेशक को सीधे बाजार के जोखिम का सामना नहीं करना पड़ता है। वहीं, पारंपरिक उत्पादों की तुलना में रिटर्न भी अधिक है। ध्यान रखें कि म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है।
इसलिए निवेशक को इनकम, टारगेट और रिस्क प्रोफाइल देखकर ही फैसला लेना चाहिए। एसआईपी के जरिए आप निवेश की आदत, जोखिम और उस पर मिलने वाले रिटर्न को आसानी से जान सकते हैं।