Indian Railways:- भारतीय रेलवे में सफर करने वाले लोगों के लिए बड़ी खबर, पिछले दिनों मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेलवे की ओर से वंदे भारत स्लीपर ट्रेन चलाने का ऐलान हुआ था, इस पर रेल मंत्री ने बड़ा अपडेट दिया है, आइए जानते हैं इस खबर को विस्तार से…
अगर आप भी अक्सर ट्रेन से सफर करते हैं तो यह खबर आपके लिए है। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेलवे द्वारा अलग-अलग रूटों पर वंदे भारत ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है।
पिछले कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में रेलवे द्वारा स्लीपर वंदे भारत ट्रेन चलाने की खबर आई थी। अब इसे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंजूरी दे दी है।रेल मंत्री ने कहा कि अगले साल फरवरी-मार्च तक वंदे भारत ट्रेनों के तीन फॉर्मेट होंगे, वंदे चेयर कार, वंदे मेट्रो और वंदे स्लीपर।
वंदे भारत की अधिकतम रफ्तार 160 किमी प्रति घंटा
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में वंदे भारत ट्रेन शताब्दी, राजधानी और लोकल ट्रेनों की जगह लेगी। इन स्वदेशी ‘सेमी-हाई स्पीड’ ट्रेनों का निर्माण चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में किया जा रहा है।
एक साक्षात्कार के दौरान रेल मंत्री ने कहा कि वंदे भारत ट्रेनों की अधिकतम गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा करने के लिए अगले तीन से चार साल में रेल पटरियों को उन्नत किया जाएगा।
वंदे भारत ट्रेनों के होंगे तीन फार्मेट
देहरादून से दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल तक वंदे भारत लॉन्च करने के बाद अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘वंदे भारत ट्रेन के तीन फॉर्मेट हैं।
वंदे मेट्रो 100 किलोमीटर से कम की यात्रा के लिए, वंदे चेयर कार 100-550 किलोमीटर के लिए और वंदे स्लीपर 550 किलोमीटर से अधिक की यात्रा के लिए उपलब्ध होगी। तीनों प्रारूप फरवरी-मार्च 2024 तक तैयार हो जाएंगे।
हर राज्य को मिलेगी वंदे भारत ट्रेन की सौगात
इस ट्रेन के शुरू होने से देहरादून-नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस में लगने वाला समय 6 घंटे 10 मिनट से घटकर साढ़े चार घंटे रह जाएगा। वैष्णव ने कहा कि अगले साल जून तक हर राज्य को वंदे भारत ट्रेन का तोहफा मिल जाएगा।
उन्होंने कहा कि इन ट्रेनों के निर्माण में तेजी लाई जा रही है। हर आठवें या नौवें दिन कारखाने से एक नई ट्रेन निकल रही है। दो और फैक्ट्रियों में काम शुरू होने जा रहा है।
वंदे भारत को अधिकतम 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तैयार किया गया है। लेकिन ये ट्रैक की क्षमता के हिसाब से 130 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से दौड़ेंगी।
उन्होंने कहा, ‘पुरानी पटरियों को 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के लिए डिजाइन किया गया था। करीब 25,000-35,000 किलोमीटर पटरियों को 110 किलोमीटर प्रति घंटे, 130 किलोमीटर प्रति घंटे और 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अपग्रेड किया जा रहा है।
2027-28 तक वंदे भारत ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगी। ट्रेनों की चपेट में आने वाले जानवरों के प्रवेश को रोकने के लिए रेलवे पटरियों के किनारे बाड़ लगाने का काम कर रहा है।
वैष्णव ने कहा कि रेलवे की ओर से 4जी-5जी टावर लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन्हें कई स्थानों पर लगाया गया है और यह काम लगातार जारी है।
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निष्कर्ष – Indian Railways 2023
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